नवरात्र के छठवें दिन दुर्गा मां के छठे स्वरूप में मां कात्यायनी की पूजा की जाती है | पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कात्यायनी मां का जन्म कात्यायन ऋषि के घर हुआ था | इसिलए इन्हें कात्यायनी कहा जाता है, मां कत्यानी की चार भुजाएं हैं, जिसमें अस्त्र-शस्त्र और कमल का पुष्प है | इनकी सवारी वाहन सिंह है, कहावत है कि कृष्ण की प्राप्ति के लिए गोपियों ने मां कत्यानी की पूजा की थी | इसलिए जो कन्याएं मनचाहा वर चाहती हैं वह मां कत्यानी की पूजा करती हैं |
कैसे करें मां कात्यायनी की पूजा?
मां कत्यानी की पूजा पीले या लाल वस्त्र धारण करके करनी चाहिए | नवरात्र के छठवे दिन पीले फूल और पीला नैवेद्य अर्पित करना चाहिए | मां कत्यानी को शहद अर्पित करना काफी शुभ माना जाता है | प्रेम संबंधी बाधाओं को अगर आप दूर करना चाहते हैं, तो मां कत्यानी कोे सुगन्धित पुष्प अर्पित करें | फूल अर्पित करने के बाद मां के सामने उनके मन्त्रों का जाप करें |
विवाह में आए बाधा तो ऐसे करें पूजा
गोधूलि बेला में पीले वस्त्र धारण करें | मां के सामने दीपक जलाएं और उन्हें पीले फूल अर्पित करें | इसके बाद मां कात्यानी को 3 गांठ हल्दी की चढ़ाएं | और साथ ही मां कात्यायनी के मन्त्रों का जाप करें |
मां कात्यायनी का मंत्र
"कात्यायनी महामाये , महायोगिन्यधीश्वरी।
नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः।।"
इस मंत्र का जाप करने के बाद हल्दी की गांठों को अपने पास सुरक्षित रख लें | मां कात्यायनी को शहद चढाने से फल जल्दी प्राप्त होता है | शहद को चांदी या फिर मिट्टी के बर्तन से अर्पित करने पर फल की प्राप्ती जल्द होती है |